Wednesday, June 8, 2011

वलवले

आप ने है खूब समझा, खूब पहचाना हमें |
आपने ही तो,बना डाला है, दीवाना हमें ||
आप को मिलने से पहले, हम बड़े नादान थे |
आज लेकिन आ गया है, लिखना-ओ-गाना हमें || 
कल मन पाते नहीं थे, खुद को भी हम चाह के |
आ गया है अब तो, रूठों को मन पाना हमें ||
होश खो देने से गर, खुशियाँ मय्यसर हो 'शशि' |
क्यूँ भला मंज़ूर हो, फिर होश में आना मुझे || 

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