Friday, June 10, 2011

वलवले

भरोसा आज फिर, उस पर किया है |
मुझे जिसने हमेशा, दुख दिया है || 
बहुत मजबूर हूँ, आदत से है अपनी |
हमेशा सुख दिया है, दुख लिया है ||

जितने अपनों ने गम हैं दे डाले |
दिल में उतने हैं, दर्द के छाले ||
चाह कर दर्द-ए-दिल, नहीं थमता |
कोई समझाए क्या दवा खा लें || 

साथ कदमों ने देना छोड़ दिया |
ख्वाब आँखों ने लेना छोड़ दिया 
खूब तकदीर ने वफ़ा की है |
साथ खुशियों ने, देना छोड़ दिया || 

मेरे श्रवण को, ये क्या हो गया है |
जगा के मुझको, खुद वो सो गया है ||
है मेरा हाल क्या, अब क्या कहूँ मैं |
मेरे दिल का, सुकूँ सब खो गया है ||

नहीं मिलती है, फुर्सत सोचने की |
बहुत बेचैन रहने लग गया हूँ ||
मेरे दिल में कोई, डर बस गया है |
मैं हर इक, पल से डरने लग गया हूँ ||   



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