Sunday, August 7, 2011

walwale




उसको, मुजरिम हर-एक ने जाना |
दर्द उसका, गया न पहचाना || 
उसके जीने का, जो सहारा था |
उसने ही, कर लिया किनारा था ||
उसको आया नहीं, मन पाना |
दर्द उसका -------------
उसका हमदम हुआ, जुदा उससे |
बेवजह ही हुआ, खफा उससे ||
आज भी जिसका, है वो दीवाना |
दर्द उसका -----------
सब पे है फ़र्ज़, उसको समझाना |
उसको फिर से, करीबतर लाना ||
जुर्म सब, उसके हिस्से मत लाना |
दर्द जिसका -------------
ऐ खुदा, मुझ पे भी कर्म कर दे |
पास मेरे, मेरा सनम कर दे ||
पाना चाहता हूँ, न कि ठुकराना |
दर्द मेरा, किसी ने, न जाना |
मुझको मुजरिम ---------

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