हिंदी प्रसार
है लक्ष्य यह हमारा, हिंदी का हो पसारा |
हिंदी के दीप से ही, सम्भव है उजियारा ||
हमें मात्रभाषा को ही, है बनाना राष्ट्र- भाषा |
इससे ही बढ सकेगी, साक्षरता की आशा ||
हिंदी में काम करना, हमें चाहिए अब सारा ||है लक्ष्य यह हमारा, हिंदी का हो पसारा |
हिंदी सी मधुर वाणी, नहीं विश्व में है कोई |
हिंदी ने अपनी शोभा, नहीं आज-तक है खोई ||
हिंदी में ही रचित है, इतिहास सब हमारा | है लक्ष्य यह हमारा, हिंदी का हो पसारा |
हिंदी कि शान अपनी, हिंदी है जान अपनी |
हिंदी से ही बनेगी, जग में पहचान अपनी ||
हिंदी सी सरल भाषा, बने सब का ही सहारा | है लक्ष्य यह हमारा, हिंदी का हो पसारा |
देखें आकाश-गंगा, भाषाओं की बनी जो |
पाओगे भिन्न सबसे, हिंदी की ही छवि को ||
हिंदी 'शशि' है नभ में, भाषाएँ सब है तारा | है लक्ष्य यह हमारा, हिंदी का हो पसारा |
हिंदी-दिवस
हिंदी-दिवस मनाना, है असल में बहाना |
इसके बज़ट से सत्ता, को ज़श्न है मनाना ||
सालों से आज-तक हम, ये दिन मना रहे हैं |
हर साल आंकड़ों को, ऊँचा दिखा रहे है ||
सच क्या है कौन जाने, है झूठ का ज़माना |
सब लीडरों के बच्चे, अंग्रेजी पढ़ रहे हैं |
हिंदी है मात्र-भाषा, फिर भी वो अड़ रहे हैं ||
'शशि', चाहते हैं हिंदी,की वो छवि घटाना |
हिंदी दिवस पर
ReplyDeleteबहुत ही रोचक और विश्लेष्णात्मक पोस्ट
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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जय हिंद जय हिंदी राष्ट्र भाषा