Friday, February 4, 2011

शोरे-दिल on the eve of retirement

सफ़र सर्विस का है जैसे गुजारा !
रहेगा उम्र भर यह याद सारा !!
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मुझे फुर्सत मिली है, काम से अब !
रहूँगा मैं, बड़े आराम से अब !!
गुजारिश यह मेरी मंज़ूर कर लो !
गिले-शिकवे दिलों से दूर कर लो !!
महरबाँ आज मुझ पर, है बहुत रब्ब !

मुझे फुर्सत मिली है, काम से अब !
रहूँगा मैं, बड़े आराम से अब !
जो मुझसे बन पड़ा, मैंने किया है !
आपके, साथ का भी, शुक्रिया है !!
ख़ुशी से अलविदा, कहना मुझे सब !

मुझे फुर्सत मिली है, काम से अब !!
रहूँगा मैं, बड़े आराम से अब !

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