Saturday, May 14, 2011

वलवले

परिंदों की तरह, उड़ने की चाहत, सब में होती है |
मिले गर प्यार, तो पैदा मुहब्बत, सब में होती है ||
कभी ज़ालिम नज़र आये, कभी मज़लूम लगता है |
सब्र और ज़ब्त की देखा है, ताकत सब में होती है ||
ख़ुशी से फूल जाता है, ग़मों से टूट जाता है |
खुदा का ही करिश्मा है, ये आदत सब में होती है ||
नफे की फ़िक्र करता है, रहे नुक्सान से डरता |
रफीकों को परखने की, लियाकत सब में होती है ||
सिर्फ तुम ही नहीं वाकिफ, 'शशि' रस्म-ए-ज़माना से |
ज़माने को समझने की, दयानत सब में होती है ||

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