बहुत रिश्तों को, शर्मिंदा किया है ! सिर्फ नफरत को ही, जिंदा किया है !!
न जाने किस वहम से दर गया वो ! किया कब, सबका पसंदीदा किया है !!
अकाल से कम लो, गैरत से पूछो ! किया अच्छा है, या गन्दा किया है !!
बहुत खुदगर्ज़ हो,और बे-हया हो ! किया जो कुछ भी है, मंदा किया है !!
नहीं होगा नफा, नुक्सान होगा ! यह किसकी अकाल से, धंधा किया है !!
'शशि' को ठीक ही कहती है दुनियाँ ! तुझे ज़ज्बात ने, अँधा किया है !!
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