गमें दौराँ से घबराता नहीं हूँ |
कभी कोई कमी पाता नहीं हूँ ||
मेरा ईमान ही इंसानियत है |
किसी के दर पे मैं जाता नहीं हूँ ||
यह माना तंग-दस्ती है मुक्कदर |
मैं दामन फिर भी फैलाता नहीं हूँ ||
मैं इतराता हूँ अक्सर आईने में |
किये अपने पे पछताता नहीं हूँ ||
'शशि' को परखने वालो समझ लो |
कोई भी बात दोहराता नहीं हूँ ||