Shoredil
Monday, March 21, 2011
वलवले
आईने में बस रहे, भगवान हैं |
देखने वाली, नज़र नादान है ||
यूँ करैं महसूस , मौसम का असर |
जैसे बचपन से, बुढापे का सफ़र ||
वक़्त देता है बदल, दोनों को पर |
कब बदलते हैं, नहीं चलती खबर ||
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