कोई ऐसा मिला ही नहीं | जिसको कोई गिला ही नहीं ||
दूरियां हैं , दिलों में मगर | दरम्याँ, फासला ही नहीं ||
जब जो होना था होकर रहा | हमसे कुछ भी टला ही नहीं ||
आग नफरत की जलती रही | प्यार उसमे, जला ही नहीं ||
सबको तकदीर से है गिला | क्यूँ 'शशि' से मिला ही नहीं ||
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