गमें दौराँ में, जीने की, आरजू लेकर |
कहाँ-कहाँ न गए, शोर-ए-दिल की बू लेकर ||
था जिन पे नाज़, सहारा बनेंगे, मुश्किल में |
बहुत निराश हुए, उनसे, रूबरू होकर ||
मिला न कोई, खरीदार, अपनी हस्ती का |
किया ज़मीर को ज़ख़्मी है, आबरू खोकर ||
'शशि' न सीख, ज़माने से, बेवफा होना |
नहीं मिलेगा सुकूँ, उससा हू-बहू होकर ||
No comments:
Post a Comment