Monday, April 4, 2011

वलवले

जी रहा, हर आदमी है, बस इसी उम्मीद पर |
बंदगी से, एक दिन, बंदा, खुदा हो जाएगा ||
चच्चा ग़ालिब ने तुज़ुरबा, है किया कुछ यूँ बयाँ |
दर्द जब हद से बढेगा, खुद दवा हो जाएगा ||
टॉस करके फैसला करना,अगर्चा शौक है |
शौक यह ही देखना, इक दिन  जुआ हो जाएगा ||  

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