तिनका हूँ, शहतीर नहीं हूँ |
ज़िन्दां हूँ, तस्वीर नहीं हूँ ||
टूट रहा हूँ, धीरे-धीरे |
मैं पुख्ता, तामीर नहीं हूँ ||
हैरत से, मत देखो मुझको |
घायल हूँ मैं, तीर नहीं हूँ ||
ख्वाब किसी का, हूँ मैं शायद |
ख़्वाबों की, ताबीर नहीं हूँ ||
मेरा होना, है सच्चाई |
पानी पर, तहरीर नहीं हूँ ||
कतरे का भी, इक हिस्सा हूँ |
कल-कल करता, नीर नहीं हूँ ||
शायद मरहम, नहीं हूँ लेकिन |
चोट नहीं हूँ, पीर नहीं हूँ ||
'शशि' हमेशा, है यह कहता |
कर्म हूँ मैं, तकदीर नहीं हूँ ||
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