माँ भवानी की स्तुति ---------- गा के देखें
तर्ज़ – ओ दूर के मुसाफिर, हमको भी साथ ले-ले
दर पे तेरे भवानी, संसार सर झुकाये, मांगी मुरादें पाये |
तेरे करम को अम्बे, कैसे कोई भुलाए, सुख-चैन तू लुटाये ||
1 जिसने तुझे पुकारा, तूने दिया सहारा |
बिगड़ी बनाए सबकी, तेरी आरी आँख का इशारा ||
दुनियाँ को है पता ये, तू जल्दी मान जाये,सुख-चैन तू लुटाये |
2 डूबे है जब भी नैया, बन जाए तू खवैया |
मुश्किल मे इस लिए सब, तुझको पुकारे मैया ||
संसार की हकीकत, क्यूँ न समझ में आए, सुख-चैन तू लुटाये |
3 ‘शक्ति’ तुम्हारी भक्ति, जग से दिलाये मुक्ति |
तेरा नाम इक कवच है, तेरा ही नाम युक्ति ||
पगडंडिया बहुत हैं, बंदा भटक न जाए, सुख-चैन तू लुटाये |
4 क्या खूब ये सफर है, रहता हमेशा डर है |
हर इक के दिल की दाती, रहती तुझे खबर है ||
खुदगर्ज़ इस जहाँ में, कहीं खो ‘शशि’ न जाए, सुख-चैन तू लुटाये |