माँ भवानी की स्तुति ---------- गा के देखें
तर्ज़ - जो तुझको हो पसंद, वही बात करेंगे
तेरा ही नाम दूसरा, शाहों की शाह है |
तुझको भुला के, साँस भी, लेना गुनाह है ||
सर पर, तुम्हारे हाथ का, होना नसीब है |
तेरा हबीब, ना कभी, मिलता गरीब है ||
दर पर तुम्हारे आ रही, हर एक राह है | तुझको भुला के
तेरी दया की दास्ताँ, गाता जहान है |
सबसे निराली माँ तेरी, दुनियाँ में शान है ||
हर सू तुम्हारे नाम की, माँ वाह-वाह है | तुझको भुला के
जिसको तुम्हारे नाम की, मस्ती की चाह है |
मिलता वही जहान में, माँ शहनशाह है ||
सब पर करम की माँ मेरी, करती निगाह है || तुझको भुला के
दर पर तुम्हारे आ गया, दुनियाँ से हर के |
खुदगर्ज़ इस जहान को, ठोकर पे मार के ||
दामन पसार के ‘शशि’, मांगे पनाह है | तुझको भुला के
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