Friday, June 17, 2011

शोर-ए-दिल

शोर-ए-दिल, थम नहीं, रहा अपना |
अब इसे गम नहीं, रहा अपना || 
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दिखाने के लिए, बस आबले हैं |
रह-ए-मंजिल में, जो हमको मिले हैं ||
सुना है की, गिला करना गुनाह है |
इसी बैस, हमारे, लब सिले हैं || 
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नसीहत न सही, तुम यूँ समझ लो |
गया जो, लौट के, आता नहीं है ||
बशर रुसवाइयों के, दाग़ यारो |
उम्र भर में, मिटा पाता नहीं है || 
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दोस्त गर हैं तो, दूर आफत है |
दोस्ती की यही, शिनाख्त है ||
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 बहुत कुछ कर लिया, बस में है बेशक |
बहुत लाचार, फिर भी, हर बशर है ||
दुआ करना, दावा ग़र, बेअसर हो |
सुना है की, दुआओं में, असर है ||
गमें-दौरान में हिम्मत हारना मत |
यक़ीनन हर गमे-शब की सहर है ||
खुदाई है 'शशि' तोहफा खुदा का |
हर इक शैय में, ख़ुदा, ख़ुद जल्वागर है ||










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