Sunday, October 31, 2010

shoredil

शुक्रिया उस खुदा का करता हूँ, १
याद दिन रात जिसको करता हूँ ११
गेम दुनिया से दी निजात उसने १
मुझको दी बख्श ऐसी डाट उसने ११
इस कदर महरबाँ हुआ मुझ पर १
दिन में तबदील कर दी रात उसने ११
रहमतों की जो करता बारिश है १
उस खुदा से मेरी गुजारिश है ११
दूर हर दिल से हर्फे नफ़रत हो १
सबको इंसानियत से उल्फत हो 11

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