स्वर्ग-सम है भू जहाँ की, वो हमारा देश है !
इक तिरंगा ही सभी का, मनपसन्द परिवेश है !!
भिन्न-भिन्न हैं, प्रान्त इसमें, भिन्न-भिन्न इसमें धर्म !
अनेकता में एकता का, जग को यह संदेश है !!
शांति का दूत जग में,पंचशील इसका नियम !
इसका जो संविधान है सर्व-धर्म निरपेक्ष है !!
सुबहें इसकी हैं सुहानी, इसकी रातें है रंगीन !
जितने मौसम मन-लुभाने, इसके सब दरवेश हैं !!
इसकी अलग, पहचान है, जग में निराली शान है !
'मेरा भारत महान ' है, पलने न दे, जो द्वेष है !!
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