Saturday, November 6, 2010

shoredil

दीपावली है, दीप जलाने की रात है 1
यह रात सिर्फ ,खुशियाँ मनाने की रात है !!
नफरत हो दूर, सब के दिलों से दुआ करो !
यह मिल के, गीत प्यार के, गाने की रात है !!
 ऐसा बने माहोल, दीवाली हो रोज़-रोज़ !
हर रोज़ सब कहैं, की दीवाली की रात है !!
सब खुश हों, मालामाल हों, कोई न हो उदास !
बने सबकी बिगड़ी बात, दिवाली की रात है !!

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