Sunday, November 14, 2010

Shoredil

लाखों चाहे नाम हैं, चाहे  रूप अनेक !
साईं कह गए सत्य  हैं, सब का मालिक एक !!
कितना भी मजबूर हो, कितना भी लाचार !
साईं तेरे पाँव की, राज से हो उपचार  !!

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